शिव पुराण कथा | Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download 2023

मित्र यदि आप Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download करना चाहते हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं आज की इस पोस्ट के द्वारा हम आपको बताएँगे की आप किस प्रकार से भगवान शिव की शिव पुराण को डाउनलोड करके उससे संसार और संसार को बनाने वाले देवी देवताओं के बारे में जान सकते हैं.

यदि आप Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download करना चाहते हैं तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके उसे डाउनलोड कर सकते हैं. और शिव पुराण का अमृत ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. कहा जाता हैं की इसके अध्यन मात्र से ही आपके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

शिव पुराण क्या हैं?

शिव पुराण सभी पुराणों में सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुराण हैं इसमें शिव के विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है. इसके अलावा भगवन शिव के अवतारों, ज्योतिर्लिंगों, और भक्तो की भक्ति का विस्तृत वर्णन किया गया है.

इसमें भगवान शिव की कल्याणकारी महिमा, रहस्य और उपासना के बारे में भी बताया गया हैं. शिव पूरण में शिव को पंचवेदो का प्रधान भी कहा गया है. इसके अलावा यहां पर आपको शिव की लीला, महिमा और पूजा कैसे करनी चाहिए इसके बारे में भी बहुत ही विस्तार में वर्णन किया गया है.

इसमें भगवान शिव के भव्य व्यक्तित्व का गुणगान किया गया है। शिव- जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है, विश्व चेतना हैं और ब्रह्माण्डीय अस्तित्व के आधार हैं। दोस्तों यदि आप लोग अध्ययन कर लेते हैं तो आप का संपूर्ण जीवन सुखमय हो जायेगा.

शिव पुराण संस्कृत श्लोक PDF

यहाँ पर कई सारे शिव पुराण संस्कृत श्लोक तथा उनके हिंदी अर्थ का वर्णन किया गया हैं ये सभी श्लोक शिव पूरण के सबसे महत्वपूर्ण श्लोकों में से हैं. यदि आप Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download करना चाहते हैं तो निचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर लीजिये.

१. "ओं नमः शिवाय" - यह श्लोक शिव की स्तुति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस श्लोक का अर्थ है कि हम शिव को नमस्कार करते हैं जो समस्त जगत का पालन-पोषण करते हैं।

2. "अहं ब्रह्मास्मि" - इस श्लोक का अर्थ है कि मैं ब्रह्म हूँ। यह श्लोक शिव और आत्मा के एकत्व का ज्ञान देता है।

3. "असतो मा सद्गमय" - इस श्लोक का अर्थ है कि हमें असत्य से सत्य की ओर ले जाना चाहिए। यह श्लोक सत्य और उद्धरण में अंतर का ज्ञान देता है।


4. "शिवोहं शिवोहं" - इस श्लोक का अर्थ है कि मैं शिव हूँ। यह श्लोक शिव और आत्मा के एकत्व का ज्ञान देता है।

5. "तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥" - इस श्लोक का अर्थ है कि हम महादेव को नमस्कार करते हैं और उनसे ध्यान लगाते हैं ताकि हमें उनकी कृपा प्राप्त हो।

6. "या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥" - यह श्लोक मां सरस्वती की स्तुति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस श्लोक का अर्थ है कि हम मां सरस्वती को नमस्कार करते हैं जो समस्त जगत की ज्ञान शक्ति हैं।

7. "अथ शान्तिः" - इस श्लोक का अर्थ है कि अब शांति हो। यह श्लोक शिव पूजा के अंत में प्रयोग किया जाता है जब शिव पूजा समाप्त होती है।

8. "करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं। विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥" - इस श्लोक का अर्थ है कि हमारे द्वारा किए गए सभी पापों के लिए हम माफी मांगते हैं और शिव की कृपा से उन सभी पापों से मुक्त होते हैं।

9. "शिवं शम्भुम शंकरं" - यह श्लोक शिव की स्तु

10. “अव्यक्तं चिन्त्यमध्वगतः परमेश्वरस्य चित्ते
सर्वं ज्ञातं च तत्त्वेन ज्ञानेन मुक्तिरिष्यते॥”

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इस श्लोक का अर्थ है कि परमेश्वर के मन में अव्यक्त चिन्तन होता है जिसे समझना बेहद मुश्किल होता है। जब हम ज्ञान से परमेश्वर का सच्चा स्वरूप समझते हैं, तब हम मुक्त होते हैं। इस श्लोक का अर्थ है कि ज्ञान द्वारा ही हम मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download

Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download करने के लिए आप सीधे निचे दिख रहे डाउनलोड बटन पर क्लिक करके शिव पूरण को डाउनलोड कर सकते हैं.

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Conclusion: Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download

दोस्तों आज हमने जाना की Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download कैसे करे. इसको डाउनलोड करके आप इसको पढ़ सकते हैं जिससे आपके जीवन में बहुत सारे सुधार होंगे और आपको बहुत साड़ी ऐसी चीज़े जानने को मिलेंगी जिनके बारे में आपको नहीं पता होगा.

यदि आपको Shiv Puran Katha in Hindi PDF Free Download करने में कोई भी परेशानी आ रही है तो आप नीचे कमेन्ट करके हमें बता सकते हैं हम आपकी समस्या का हल करने की पूरी कोशिश करेंगे.

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FAQs

शिव पुराण और शिव महापुराण में क्या अंतर हैं ?

शिव पुराण (Shiv Puran) में भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया गया है। इस पुराण का संबंध शैव मत से माना जाता है। इसमें भगवान शिव को प्रसन्न करने की पूजा विधियों और ज्ञान से भरे आख्यान भी सम्मिलित हैं। हिंदू धर्म में भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं और इन्हें संहार का देवता भी माना जाता है।

शिव पुराण के अनुसार शिव जी की कितनी पत्नियां थी?

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव की चार पत्नियां थी गणेश और कार्तिकेय की माता पार्वती : दक्ष के बाद सती ने हिमालय के राजा हिमवान और रानी मैनावती के यहां जन्म लिया। मैनावती और हिमवान को कोई कन्या नहीं थी तो उन्होंने आदिशक्ति की प्रार्थना की।

अठारह पुराणों में से किस पुराण को महापुराण भी कहा जाता है और क्यों ?

शिव पुराण को शिव महापुराण की संज्ञा दी गई है क्योंकि भगवान शिव शंकर देवों के देव महादेव हैं।

शिव पुराण को किसने लिखा था?

महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित शिवपुराण ( Shiv Puran ) में भगवान शिव ( Lord Shiva ) के विविध रूपों, अवतारों और ज्योतिलिंर्गों के महत्व का वर्णन किया गया है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर माना गया है।

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