दोस्तों क्या आप Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download करना चाहते हैं और डाउनलोड करके शिव चालीसा का पाठ करना चाहते हैं यदि हां तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज मैं आपको की डायरेक्ट डाउनलोड लिंक देने वाला हूं जिसकी मदद से आप इसे डाउनलोड करके इसका पाठ कर सकते हैं
जैसा कि दोस्तों आप लोगों को पता ही होगा कि भगवान शंकर बहुत ही शक्तिशाली है इस वजह से इनको देवों का देव महादेव कहा जाता है जब भी किसी भी भगवान या फिर देवता को कोई समस्या आती है तो वह हमेशा भोलेनाथ के पास ही जाते हैं
क्योंकि भोलेनाथ हर एक समस्या का समाधान है और हर एक समस्या को अंत करने वाले भी वही है दोस्तों यदि आपके जीवन में भी कोई भी किसी प्रकार की समस्या है तो आप श्री शिव चालीसा का पाठ करना शुरू कर दीजिए इससे आपके जीवन में सभी समस्याएं दूर होने लग.[Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download]
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श्री शिव चालीसा | Shiv Chalisa Lyrics Hindi PDF Summary
दोस्तों शिव चालीसा भगवान भोलेनाथ पर समर्पित है यह एक बहुत ही प्रभावशाली स्तुति है यदि कोई व्यक्ति विभिन्न प्रकार से इसका नियमित पाठ करता है तो उसको आध्यात्मिक रूप से लाभ प्राप्त होते हैं भगवान शिव को शंभू और भोलेनाथ ओ कालो की काल महादेव के रूप में भी पूजा जाता है.
भगवान शिव हिंदू धर्म के धर्म ग्रंथों में वर्णित त्रिमूर्ति में से एक है जिनको ब्रह्मा विष्णु वाह महेश के नाम से जाना जाता है जिनमें महेश का मतलब शिव होता है
हमारे हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान ब्रह्मा का कार्य सृष्टि की रचना करना भगवान विष्णु का कार्य समस्त जीवो का सही से लालन पालन करना और भगवान शिव का कार्य आवश्यकता पड़ने पर दुष्टों का संघार करना इसका मतलब जब भी कोई राक्षस सृष्टि में कुछ गलत करें तो उसका वध करना,.
अगर आपके जीवन में शादी विवाह संबंधित कोई भी किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो आप प्रतिदिन शिव चालीसा का श्रद्धा पूर्वक पाठ करना चालू कर दीजिए यदि आप ऐसा प्रतिदिन करते हैं
तो आपके विवाह में आने वाली सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएंगी यदि आप शिव चालीसा का पाठ रोजाना नहीं कर पा रहे हैं तो सप्ताह में प्रत्येक सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ जरूर कीजिए
यदि आप अविवाहित हैं तो आपको सोलह सोमवार के व्रत रखना भी बहुत लाभदायक होता है इसके अलावा शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करना भी अत्यंत फलदायक माना जाता है इसके बारे में ऐसा भी कहा गया है कि शिव तांडव का स्रोत का पाठ करने से भगवान् भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और हमें मन चाहा फल देते हैं.[Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download]
श्री शिव चालीसा PDF | Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की हवे दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।
जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट ते मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु मम संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
शारद नारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमः शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा।
ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही,पाठ करो चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश॥
मगसिर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान।
स्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण॥
श्री शिव जी की आरती PDF(Shiv Ji Ki Aarti PDF in Hindi)
ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।
मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
[Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download]
Shiv Chalisa का पाठ किस दिन करना चाहिए?
वैसे तो देखा जाए तो सभी दिन भगवान के होते हैं और हमें शिव चालीसा का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए परंतु सभी लोगों के लिए यह मुमकिन नहीं हो पाता कि वह रोजाना शिव चालीसा का पाठ कर पाए तो दोस्तों उसके लिए आप सबसे बढ़िया है
कि सप्ताह के सोमवार को आप शिव चालीसा का पाठ कीजिए इससे आपको शिव चालीसा के अधिक से अधिक लाभ मिल पाएंगे और आपके जीवन में बहुत ही अच्छे सुधार आएंगे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी[Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download]
श्री शिव चालीसा | Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download
दोस्तों यदि आप श्री शिव चालीसा Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके उसकी पीडीएफ फाइल अपने फोन या कंप्यूटर में डाउनलोड कर सकते हैं और जब भी चाहे तब शिव चालीसा का पाठ कर सकते हैं
आपको तो पता ही है शिव चालीसा करने के कितने सारे फायदे होते हैं जिनके बारे में मैंने ऊपर पहले से ही बात की हुई है दोस्तों अगर आपके जीवन में किसी प्रकार की समस्या है तो आप आज से ही श्री शिव चालीसा का पाठ करना शुरू कर दीजिए भगवान शंकर आपकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे
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FAQs
शिव चालीसा का पाठ कब करें?
शिव चालीसा का पाठ हमेशा सबुह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद ही पढ़नी चाहिए। इससे आपको इसके अधिक से अधिक लाभ मिलेंगे
शिवजी को खुश कैसे करें?
स्नान करने के बाद भगवान शिव को दूध और शहद का भोग लगाना चाहिए । माना जाता है कि ऐसा करने से रोजी-रोटी, नौकरी या कारोबार से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं। और आपके जीवन में खुशहाली आती है.
शिव चालीसा किसने लिखी थी?
शिव चालीसा ऋषि अयोध्या दास द्वारा लिखी गई है। शिव चालीसा में भगवान शिव की महिमा का पाठ किया गया है।
Conclusion
दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से मैंने आपको Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download उपलब्ध कराया है यदि आपने अभी तक इसे डाउनलोड नहीं किया तो ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके इसे अभी डाउनलोड कीजिए और यदि आपको डाउनलोड करने में किसी प्रकार की समस्या है तो नीचे कमेंट में बताइए आपकी समस्या का समाधान किया जाएगा
और दोस्तों भगवान शंकर आपके ऊपर कृपा बनाए रहेंगे बस आप अपनी पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की प्रार्थना कीजिए आराधना कीजिए आपकी जो भी मनोकामनाएं पूर्ण होगी[Shiv Chalisa Lyrics PDF in Hindi Download]