[PDF]कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा | Kartik Purnima Vrat Katha Pdf In Hindi Download

Kartik Purnima Vrat Katha Pdf Download

क्या आप Kartik Purnima Vrat Katha Pdf In Hindi Download करना चाहते हैं और कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करना चाहते यदि हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं क्योंकि आज की इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको Kartik Purnima Vrat Katha Pdf In Hindi Download लिंक देने वाला हूँ.

हमारे हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व हैं इस दिन यदि कोई Kartik Purnima Vrat Katha करना हैं तो तो उसको कैसे सारे लाभ होते हैं हिन्दू धर्म के पंचांग में में कार्तिक के महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक एक असुर का विनाश किया था.

कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा(Kartik Purnima Vrat Katha Pdf)

हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार एक तारकासुर नाम का एक राक्षस था जिसके 3 पुत्र से पहले का नाम तारकक्ष दूसरे का कमलाक्ष और तीसरे का विद्युन्माली था और भगवान शिव के सबसे बड़े पुत्र कार्तिक ने तारकासुर का वध कर दिया था यह खबर सुनते ही तारकासुर के तीनों  पुत्र बहुत ही दुखी हुए और उन्होंने तपस्या करने के बाद में भगवान ब्रह्मा जी से वरदान मांगा जब उन्होंने लंबे समय तक तपस्या की तो ब्रह्मा जी भी वरदान देने के लिए प्रसन्न हो गए.

उन तीनों ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा लेकिन यह वरदान ब्रह्मा जी नहीं देना चाहते थे इस वजह से उन्होंने उनसे कहा कि आप अमर होने के अलावा और कोई वरदान मांग लीजिए.

इसके बाद में उन तीनों ने एक दूसरे के बारे में सोचा और इस बार भगवान ब्रह्मा जी से तीन अलग नगरों का निर्माण करवाने के लिए कहा जिसमें के सभी बैठकर सारी पृथ्वी और आकाश में घुमा जा सके 1000 साल बाद जब हम मिले और हम तीनों के नगर मिलकर एक हो जाएं और जो देवता तीनों नगरों को एक ही बार से नष्ट करने की क्षमता रखता हो वही हमारी मृत्यु का कारण बने ब्रह्मा जी ने उन्हें यह वरदान दे दिया.

 जैसे ही तारकासुर के तीनों पुत्रों को वरदान मिला तो वह बहुत ही प्रसन्न हो गए और ब्रह्मा जी के कहने पर मयदानव ने उनके लिए 3 नगरों का निर्माण कराया तारकक्ष के लिए एक सोने का, कामलक्ष के लिए चांदी का और विद्युन्माली के लिए लोहे का नगर बनाया.

और तीनों मिलकर तीनों लोकों पर अपना अधिकार जमा लिया इसको देखते हुए इंद्र देवता इन तीनों राक्षसों से डर गए और भगवान शंकर की शरण में गए भगवान इंद्र की बात को सुनते ही भगवान शिव ने तीनो राक्षसों को नाश करने के लिए एक देवरथ का निर्माण किया.

देवरथ की हर एक चीज देवताओं से बनी थी चंद्रमा सूरज से पहिये बने इंद्र वरुण और कुबेर रथ के चार घोड़े बने हिमालय धनुष बने और शेषनाग प्रत्यंचा बने भगवान शिव खुद बाण बने और बाण की नोक बने अग्नि देव.

इस रथ पर सवार हुए भगवान शिव सभी भगवानों से बने रथ तथा उन तीनों भाइयों के बीच में एक भयंकर युद्ध हुआ जैसे यह तीन दानव एक सीधे में आए भगवान शिव ने बाढ़ छोड़ तीनों का एक साथ नाश कर दिया

इसी वध के बाद भगवान शिव को त्रिपुरारी कहा जाने लगा और यह पद कार्तिक महीने की पूर्णिमा को हुआ था इसलिए इस दिन को त्रिपुरारी पौर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है इस तरह की यह कुछ कथा है जो कि हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व रखती है.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Importance of Kartik Purnima)

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बहुत ही अधिक है पूर्णिमा का उत्सव कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी एकादशी को शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन समाप्त हो जाता है यह दिन देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए होता है देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए लोग पवित्र नदियों जैसे गंगा यमुना आदि में डुबकी लगाकर स्नान करते हैं और अपने मन को शांत करते हैं

जरूर पढ़े..  मंगल भवन अमंगल हारी pdf | Mangal Bhavan Amangal Hari Pdf

 इस दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा की जाती है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भक्त विष्णु भगवान की पूजा और अर्चना करते हैं तो उनके जीवन में बहुत सारे लाभ होते हैं और उनकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.

हिंदू धर्म के कई सारे लोग सतनारायण कथा का भी पाठ कर आते हैं इससे उनके घर में सुख शांति बनी रहती है और भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है दोस्तों क्या आपके घर में सत्यनारायण भगवान की कथा होती है या नहीं होती है नीचे कमेंट में जरूर बताएं

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि PDF | Kartik Purnima Pooja Vidhi PDF in Hindi

दोस्तों यदि आप कार्तिक पूर्णिमा की पूजा करने जाते हैं करना चाहते हैं लेकिन आपको नहीं पता कि कार्तिक पुर्णिमा पूजा विधि क्या होती है तो दोस्तों निम्नलिखित बिंदुओं को पढ़कर आपने जान सकते हैं

  • इसके लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर प्रयास करें कि 4:00 या 5:00 बजे तक उठ जाएं और कहीं पवित्र नदी में जाकर स्नान कर ले अगर नदी में नहीं जा सकते तो आप घर पर ही स्नान कर सकते हैं और ऊपर से गंगाजल का छिड़काव कर सकते हैं इस प्रकार आप स्वच्छ हो जाते हैं सच होने के बाद में आप नए वस्त्र पहने
  • इसके बाद में आपको व्रत का संकल्प लेना है व्रत का पालन करने के लिए आप फलों का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि हिंदू धर्म में ज्यादातर व्रत में फलों का इस्तेमाल किया जाता है
  • अब जब पूजा करने का समय आता है तो उससे पहले आपको विष्णु भगवान और लक्ष्मी माता के सामने देसी घी का दीपक जलाकर विधि विधान से पूजा आरंभ कर देंगे.
  • इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा जरूर करनी चाहिए यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
  • पूजा करने के बाद में भगवान को खीर का भोग लगाएं.
  • शाम होते ही लक्ष्मी नारायण की आरती करिए तुलसी माता में घी का दिया जलाने तथा भगवान से प्रार्थना करें और जो आपको आशीर्वाद चाहिए वह आशीर्वाद मांगे.

 इस तरह आपकी कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि समाप्त होती है

Kartik Purnima Vrat Katha Pdf In Hindi Download

दोस्तों यदि आप लोग कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आपको बहुत ही आसानी से नीचे दिख रहे डाउनलोड बटन पर क्लिक करना है और जैसे आप लोग डाउनलोड बटन पर क्लिक करते हैं वैसे ही डाउनलोड होना शुरू हो जाएगा इसे आप अपने फोन यह कंप्यूटर में दोनों में डाउनलोड कर सकते हैं और जब भी आप पढ़ना चाहे तो पढ़ सकते हैं

Download Now

FAQs

घर पर कार्तिक पूर्णिमा कैसे मनाएं?

हमारे हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, सभी भक्तों को इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए। लोग भगवान विष्णु की जीत का जश्न मनाने के लिए दीये/मिट्टी के दीपक भी जलाते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या उपाय करना चाहिए?

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा-यमुना में कुशा स्नान करना चाहिए. हाथ में कुशा लेकर पवित्र नदी में स्नान कर दान अवश्य करें. ऐसा करने से जहां हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है. वहीं, घर में सौभाग्य का आगमन होता है.

पूर्णिमा के दिन घर में क्या करना चाहिए?

हर पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए. धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें

Conclusion

दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से मैंने आपको Kartik Purnima Vrat Katha Pdf In Hindi Download लिंक उपलब्ध कराया है इसमें आपको कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा का संपूर्ण पाठ मिल जाएगा आप जब भी पाठ करना चाहे तो इसे अपने फोन में कंप्यूटर से पीडीएफ खोल कर पढ़ सकते हैं

दोस्तों अगर आपने अभी तक Kartik Purnima Vrat Katha Pdf In Hindi Download नहीं किया है तो ऊपर दिख रहे डाउनलोड बटन पर क्लिक करके इसे अभी डाउनलोड कर ले यदि आपको डाउनलोड करने में कोई समस्या आती है तो नीचे कमेंट में बता सकते हैं तो आपकी समस्या का हल करने की कोशिश की जाएगी

Sharing Is Caring:

Leave a Comment