हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF | Hindi Sahitya ka Itihas Pdf

हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF Download

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जिसका अध्ययन करके आप आपकी आने वाली परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं हिंदी साहित्य से संबंधित कई सारे प्रश्न पूछे जाते हैं जो कि परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं

यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तब तो यह आपके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि ऐसा शायद ही कोई परीक्षा हो जिसमें हिंदी साहित्य का इतिहास से संबंधित प्रश्न ना पूछे जाएं

 करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं

PDF Nameहिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF
Pages340
PDF Size486 KB MB
LanguageEnglish
CategoryEducation & Jobs
QualityBest
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ExamCompetitive Exams
हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF

हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF

हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल को समय पर लिखा गया था जब हिंदी अपभ्रंश से आधुनिक हिंदी की और विकसित हो रही थी बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा के अनुयाई सिद्ध कहलाते थे और इन लोगों की उस समय संख्या 84 मानी गई है इसके अलावा सरहपा मतलब सरोज बाद अथवा सरोज भद्र प्रथम सिद्ध माने गए.

इसके अतिरिक्त शबरपा, लुइपा, डोम्भिपा, कण्हपा, कुक्कुरिपा आदि सिद्ध सहित्य के प्रमुख् कवि है।यह सब के सब कभी अपनी वाणी का प्रचार जन भाषा में करते थे जिससे लोगों को समझने में आसानी रहे और वहां के लोग उनकी भाषा से अच्छा संबंध बना. इस प्रकार से नाथ संप्रदाय शुरू हुआ। नाथ-साधु हठयोग पर विशेष बल देते थे।

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हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF

हिंदी साहित्य का इतिहास आदिकाल के आलोचकों का मानना है की यह 1430 वी से पूर्व के समय का है जब हिंदी का उद्भव हो रहा था इस हिंदी भाषा  की विकास यात्रा दिल्ली कन्नौज और अजमेर क्षेत्रों में कोई मानी जाती है पृथ्वीराज चौहान का उस समय दिल्ली में शासन था तथा चंदबरदाई उनके दरबारी कवि थे

चंदबरदाई की एक प्रसिद्ध रचना पृथ्वीराज रासो है जिसमें उन्होंने अपने मित्र पृथ्वीराज की जीवन गाथा के बारे में बताया है यह इनकी बहुत ही महान और प्रसिद्ध रचना है इसके लिए इनको पुरस्कार भी मिला था कन्नौज का अंतिम शासक जयचंद था जिसको संस्कृत का संरक्षक भी कहा जाता है क्योंकि संसद भाषा को बचाने के लिए इसने कई प्रयास किए थे

 हिंदी साहित्य में भक्ति काल 1357 से 17 तक माना जाता है प्रमुख रूप से भक्ति भावना की ओर  बहुत ही ज्यादा आकर्षित और उस समय सभी लोग भक्ति भावना की ओर जाना पसंद करते थे इस काल को समृद्ध बनाने वाली दो का धाराएं जिनमें से पहली धारा का नाम है निर्गुण भक्ति धारा तथा दूसरी का नाम सगुण भक्ति धारा है

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निर्गुण भक्ति धारा  को आगे दो हिस्सों में बांटा गया  है उस समय एक  संत का जिसने ज्ञानाश्रई शाखा के रूप में भी जाना जाता है  इस शाखा के प्रमुख कवियों का नाम नानक, कबीरदास, दादूदयाल, रैदास, सुंदरदास,  नकुलदास, नूर मोहम्मद आदि था.

और निर्गुण भक्ति धारा का दूसरा हिस्सा सूफी कब का था उसको प्रेमाश्रय शाखा भी कहा जाता है

इस शाखा के प्रमुख कवियों के नाम मुंह में से प्रमुख नाम है मलिक मोहम्मद जायसी, कुतुबन, मंझन, शेख नबी, कासिम शाह, नूर मोहम्मद आदि।

तथा भक्ति काल की दूसरी शाखा को सगुण शाखा का नाम दिया जाता है यह एक प्रकार की धारा होती है इस भक्ति धारा में दो शाखाएं होती है  जिसमें से पहले का नाम रामाश्रयी शाखा, तथा  दूसरे का नाम कृष्णाश्रयी शाखा है.

हिंदी साहित्य का रीतिकाल संवत 17100 से उन्नीस सौ तक माना गया है इसका मतलब होता है कि 1643 ईस्वी से 1843 ईस्वी तक और रीतिकाल का अर्थ है बना बनाया रास्ता या बंधी बंधाई परिपाठी. इस कॉल को रीतिकाल कहने का एक कारण और भी है और वह कारण यह है कि इस समय कवियों ने श्रृंगार वर्णन, अलंकार प्रयोग, छंद बद्धता आज के बने रास्ते की हिंदी कविताएं की.

 इसके अलावा कुछ ऐसे कभी रहे जिन्होंने इस से हटके भी कुछ रचनाएं की जो कि इस विषय से पूरी तरह मुक्त थी जैसे किघनानंद, बोधा, ठाकुर, गोबिंद सिंह जैसे रीति-मुक्त कवियों ने अपनी रचना के विषय मुक्त थी.

तथा किस काल को रीतिबद्ध रीति सिद्ध और रीतिमुक्त तीन भागों में बांटा गया है केशव (१५४६-१६१८), बिहारी (1603-1664), भूषण (1613-1705), मतिराम, घनानन्द , सेनापति आदि इस युग के प्रमुख रचनाकार रहे।

हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF Download

दोस्तों यदि आप हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF Download करना चाहते हैं तो आपको बहुत याद आनी से डाउनलोड करने का लिंक मिल जाएगा इसके लिए आपको नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करना है और क्लिक करने के बाद में वहां पर एक 30 सेकंड का टाइमर चालू हो जाएगा जैसे ही वह कंप्लीट होता है आप अपनी पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते हैं उसके बाद आप अपने फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इसका अध्ययन करना शुरू कर सकते हैं

Conclusion

तू तो आज के इस लेख के माध्यम से मैंने आपको हिन्दी साहित्य का इतिहास आदिकाल PDF Download उपलब्ध कराया है यदि आपने अभी तक इसे डाउनलोड नहीं किया है तो ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके इसे अभी अपने फोन यह कंप्यूटर या टेबलेट में डाउनलोड करके आज से ही इसका अध्ययन प्रारंभ कर दीजिए

 क्योंकि यह आपकी परीक्षा की दृष्टिकोण से बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है इसका अध्ययन बहुत ही ध्यान से करेंगे कि इससे ज्यादातर सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं जो कि आपकी परीक्षा के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है

 यदि आपको यह पीडीऍफ़ डाउनलोड करने में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो आप नीचे कमेंट में बता सकते हैं हम आपकी समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश करेंगे धन्यवाद

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